उर्स-ए-रजवी के दूसरे दिन शहर भर में जुलूस निकाले गए. जुलूस में उलेमा, शोहरा, मुरीद, रजाकार और दरगाह से जुड़े संगठनों के खिदमतगारोंने शिरकत की. गुलपोशी तथा चादरपोशी का सिलसिला देर रात तक जारी रहा. 200 से ज्यादा जुलूस शहर और देहात से जसौली, किला, पुरानाशहर, आजम नगर, मलूकपुर, बिहारीपुर आदि विभिन्न मार्गों से होते हुए दरगाह पहुंचे.
अकीदतमंदों ने दरगाह पर चादर चढ़ाई
आला हजरत उर्स में बरेलवी सुन्नी मुसलमानों का अकीदा सड़कों पर दिखाई दिया. शहर की ज्यादातर सड़कें अकीदतमंदों से खचाखच भरीरहीं. तमाम जुलूस शहर की विभिन्न मार्गों से होकर सीधे बिहारीपुर की गलियों में जाकर मिले. सड़कों पर आला हजरत जिंदाबाद और इश्कमुहब्बत-आला हजरत के नारे गूंजते रहे. टीटीएस के कार्यकारिणी सदस्य परवेज नूरी, अजमल नूरी, हाजी जावेद ने बताया कि सभी जुलूसबिहारीपुर से सौदागरान होते हुए दरगाह पहुंचे. मजार पर चादरपोशी करने के बाद सभी अकीदतमंदों ने मन्नत मांगी.
केजरीवाल ने भेजी चादर, अखिलेश ने दी मुबारकबाद
100वें उर्स-ए-रज़वी के मुबारक मौके पर राजनीतिक दलों से भी दरग़ाह आला हजऱत पर मुबारकबाद का संदेह भेजने का सिलसिला जारी है.रविवार को आप की ओर से आला हजरत के मजार पर दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से नावेद रजा ने चादर पेश की. पूर्वमुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां को आला हजरत के 100वें उर्स की मुबारकबाद का एक पत्र भेजा. मुबारकबादका पत्र पूर्व विधायक अताउर्रहमान लेकर आए. उन्होंने चादरपोशी भी की है.
उर्स का ऑडियो लाइव टेली कास्ट
इस बार उर्स का ऑडियो लाइव टेलीकास्ट किया गया. उर्स की व्यवस्था के लिए दरगाह आला हजरत की तरफ से तमाम जिम्मेदारों कोजिम्मेदारी सौंपी गई. जुबैर खान को ऑडियो लाइव टेलीकास्ट करने की कमान सौंपी गई. तीनों दिनों के उर्स की कवरेज की ऑडियो लाइव कीगई.
जुलूस में लहराया तिरंगा
उर्स ए आला हजरत में सैकड़ों की तादाद में चादरों के जुलूस दरगाह पहुंच रहे हैं और चादरपोशी की जा रही है. इस बार चादरों के जुलूस में तिरंगा झंडा भी लहराया जा रहा है. चादरों के साथ फूलों की डलिया का जुलूस भी गांव देहात से दरगाह पर पहुंचे. 100 मीटर तक कीचादर और फूलों की डलियों का जुलूस सड़कों पर नजर आए.
2.60 लाख किताबों कुल के बाद बांटी जाएंगी
जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान कादरी ने बताया कि आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के कुल के समापनके बाद उलमा व जायरीन को 2.60 लाख किताबें मुफ्त में वितरण की जायेंगी. यह वो किताबें हैं जिनमें इंसान की जिन्दगी के जरूरी मसलों काहल है. किताब वितरण मथुरापुरा स्थित जामियतुर्रजा में होगी.