नेता और अफसरों की वादों की हकीकत देखनी है तो बहेड़ी के मेगा फूड को एक आकर देख लें. पांच साल से मेगा फूड पार्क में देशी और विदेशी कंपनियों को लाने का दावा किया जा रहा है. सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री में मीटिंग में लगातार मेगा फूड पार्क परियोजना की समीक्षा हो रही है.
मगर मेगा फूड पार्क अभी तक हवा में है. मेगा फूड पार्क की जमीन पर बुनियादी ढांचा तक विकसित नहीं हो सका है. मेगा फूड पार्क की जमीन पर धूल उड़ रही है. बरेली के लोग मेगा फूड पार्क में रोजगार मिलने का इंतजार कर रहे हैं. .
बहेड़ी के मुड़िया मुकर्रमपुर पांच साल से मेगा फूड पार्क विकसित करने की कवायद चल रही है. प्रशासन ने सीलिंग की 250 एकड़ जमीन यूपीएसआईडीसी को मेगा फूड पार्क के लिए दी गई थी.
पिछले साल सीएम योगी के दौरे के बाद से परियोजना को रफ्तार देने के लिए सरकारी मशीनरी ने खूब मीटिंग की. विदेशी के साथ स्थानीय कंपनियों को भी मेगा फू ड पार्क में लाने की घोषणा की गई. तीन महीने बाद ही वादों की हवा निकल गई.
हालांकि यूपीएसआईडीसी ने जरूर सड़क और नालियां बनाने का काम शुरू किया. करीब 85 फीसदी तक काम पूरा कर लिया है. बावजूद इसके अभी तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है. हालांकि अगस्त में ऑनलाइन कंपनियों को आमंत्रित करने की बात जरूर यूपीएसआईडीसी के अधिकारी कर रहे हैं.