रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंफारमेशन टेक्नोलॉजी (सीएसआइटी) के सिलेबस में मोबाइल एप तैयार करने का चैप्टर भी नहीं है. इसीलिए कंप्यूटर साइंस पढ़ने के बावजूद स्टूडेंट्स मोबाइल एप बनाने से अंजान हैं.
गनीमत है कि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के मेंटर बंगलुरु के शिक्षकों ने मोबाइल एप को वैल्यू एडेड पाठ्यक्रम के तौर पर पढ़ाने की न सिर्फ सलाह दी है. बल्कि छात्रों को एप बनाना खुद समझाया और प्रोजेक्ट बनाने को दिया है.
रुविवि में अकादमिक कोर्स के अलावा प्रोफेशनल कोर्स का सिलेबस भी अपडेट करने की जरूरत है. खासतौर से इंजीनिय¨रग का. बंगलुरु के बीएमएस कॉलेज से आए प्रशिक्षक डॉ. बीजी प्रसाद ने बताया कि हमारे यहां सीएस के कोर्स में मोबाइल एप पढ़ाया जाता है. दरअसल यह जरूरी है, क्योंकि आज मोबाइल एप और एप्लीकेशन तैयार करने वालों की बाजार को जरूरत है.
हालांकि टीईक्यूआइपी के समन्वयक डॉ. मनोज कुमार सिंह कहते हैं कि पाठ्यक्रम संशोधित करने की प्रक्रिया चल रही है. इसी मकसद से लगातार प्रशिक्षण, सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित कराई जा रही हैं. सीएसआइटी विभाग में चल रहा पांच दिवसीय फैकल्टी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हो गया. बाजार की नई चीजें सिखाएं शिक्षक
प्रशिक्षकों ने कहा कि सीएसआइटी ही नहीं, इसके अलावा भी जितने विभाग हैं उनकी फैकल्टी हर क्षेत्र विशेष की नई चीजें छात्रों को पढ़ाएं व सिखाएं. बेशक वो पाठ्यक्रम में न हो, उस क्षेत्र के एक्सपर्ट बुलाएं. छात्रों को उसकी जानकारी दिलाएं. प्रोजेक्ट देकर काम कराएं, जिससे विद्यार्थी कोर्स से हटकर कुछ नया सीख सकें.