पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल मंडल की बरेली शहर के अंदर करोड़ों रुपए की जमीन खाली पड़ी है. जिसे विकसित बनाने की कवायद रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने शुरु कर दी है. पहले चरण में शहामतगंज से ईंट पजाहे तक पड़े रेल ट्रैक की जमीन पर और मल्टीस्टोरी दफ्तर बनेंगे. इसके बाद बाकी जमीन को विकसित किया जाएगा. रेल भूमि विकास प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया, बरेली शहर के अंदर करीब 55 एकड़ जमीन है.
जिसमें कुदेशिया से ईंट पजाया तक 19.33 एकड़ जमीन है. इस जमीन का निस्तारण पहले किया जाएगा. इसके बाद बारादरी थाने के सामने पड़ी भूमि का निस्तारण होगा. आरएलडीए ने रेलवे की खाली जमीन को ए और बी पार्ट में बांटा है. बारादरी थाना के सामने जो जमीन है, उसे ए पार्ट में शामिल किया है. कुदेशिया से ईंट पजाहा तक जो रेल ट्रैक वाली भूमि है उसे बी पार्ट में रखा गया. अधिकारी कहते हैं, रेल ट्रैक की जमीन पर सिर्फ आवास ही बनाए जाएंगे. पांच से सात फीट का हिस्सा कामर्शियल होगा.
रेलवे की भूमि पर सड़क नहीं बनाई जाएगी. जब आवास बन जाएंगे, उसके बाद निकलने के रास्तों को सड़क के रूप में बनाया जाएगा. बारादरी थाने के सामने जो रेलवे की जमीन है, उसको कामर्शियल स्तर पर विकसित किया जाएगा. रेल ट्रैक की जमीन को लेकर 28 फरवरी से ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू होगी.
आरएलडीए के ज्वाइंट जनरल मैनेजर परमेंद्र कुमार सिंह का कहना है, बरेली में सबसे पहले ई-टेंडरिंग के माध्यम से कुदेशिया से ईंट पजाहा तक जो रेल ट्रैक वाली जमीन है, उसे विकसित बनाएंगे. उस पर बिल्डरों के माध्यम से आवास ही बनाए जा सकेंगे.
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर रेल मंडल में नौ जनवरी को परामर्शदात्री की बैठक है. जिसमें सांसद और विधायक अपने-अपने क्षेत्र की रेल सुविधाएं बेहतर करने का सुझाव रखेंगे. नगर विधायक डा. अरुण कुमार ने दो दिन पहले ही अपने सुझाव देते हुए, कुदेशिया वाले रेल ट्रैक की जमीन पर सड़क बनाए जाने को कहा है.
साथ ही सड़क के दोनों साइड़ में दुकानें बनाई जाएं. न्यू मॉडल रेलवे कालोनी से गो¨वदापुर होकर डेमू शेड से खलीलपुर को भी एक सड़क बने. डेमू कारखाना का जल्द से जल्द शुभारंभ होकर बरेली में डेमू ट्रेन का संचालन होना चाहिए. इज्जतनगर कारखाना में कोचों की मरंमत के साथ-साथ कोच निर्माण भी कराया जाए. बरेली से मुंबई और मद्रास ट्रेनों का भी संचालन हो.