गुरुवार को बरेली कॉलेज में चौंकाने वाला वाकया हुआ. अचानक एक युवक एडमिशन बोर्ड के सामने पहुंचा और हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाने लगा. युवक का कहना था कि साहब! प्लीज मेरी बीवी का दाखिला मत करना वरना वह मेरे हाथ से निकल जाएगी. पहले तो बोर्ड के सदस्य कुछ समझ नहीं पाए, मगर जब युवक ने पूरी बात बताई तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ.
गुरुवार को दोपहर के वक्त बरेली कॉलेज में एक युवक एडमिशन कंट्रोलर को खोजता हुआ उनके पास पहुंचा. उसने एमए इतिहास में एडमिशन के बारे में पूछा तो एडमिशन कंट्रोलर ने कहा कि क्या उसका नाम मेरिट में आया है.
इस पर युवक ने बताया कि उसकी पत्नी का नाम एमए इतिहास की मेरिट लिस्ट में है. एडमिशन बोर्ड ने चेक किया तो उसकी पत्नी का नाम पहली मेरिट में था. इसके बाद जो हुआ वो सभी के लिए चौंकाने वाला था.
दरअसल युवक ने एडमिशन कंट्रोलर से कहा कि उसकी पत्नी का दाखिला न लिया जाए. एडमिशन कंट्रोलर ने इसकी वजह पूछी तो युवक का कहना था कि वह स्नातक है और उसकी पत्नी भी स्नातक है. ऐसे में अगर पत्नी एमए कर लेगी तो उसके हाथ से निकल जाएगी.
ज्यादा पढ़ लेने पर वह उसकी बात नहीं सुनेगी और घर का माहौल खराब होगा. मां ने भी कहा है कि बहू को खुद से ज्यादा मत पढ़ाना वरना बाद में पछताएगा. युवक का कहना था कि उसने पत्नी के कहने पर फार्म तो भरवा दिया, मगर अब मां की बात सुनकर उसकी आंख खुल गई है. इसलिए वह नहीं चाहता कि पत्नी एमए में दाखिला ले.
पति से नंबर लेकर पत्नी को किया गया मैसेज
एडमिशन फार्म में युवक ने पत्नी के बजाय अपना नंबर डाला था. मेरिट में नाम आने पर मैसेज तो आया, मगर युवक ने यह बात पत्नी को नहीं बताई.
एडमिशन बोर्ड ने युवक से ही पत्नी का नंबर लिया और उसको मेरिट में नाम आने का मैसेज कर एडमिशन के लिए बुलाया है. कॉलेज प्रशासन पूरे घटनाक्रम से अनजान महिला को फोन भी करने का फैसला किया है ताकि उसे पढ़ाई जारी रखने का मौका मिल सके.
एक व्यक्ति मेरे पास आया था और मुझसे पत्नी का एडमिशन न कहने की गुहार लगा रहा था. मैंने उसको समझाया कि महिलाए पढ़ेंगी-लिखेंगी तो आत्मनिर्भर बनेंगी. युवक की काफी देर तक काउंसलिंग की गई है. इसके बाद युवक को भेजा गया और पत्नी का दाखिला कराने के कहा है.
–डॉ. आरिफ नदीम, एडमिशन कंट्रोलर