पालिथीन के कारोबार पर नगर निगम का डंडा चलेगा. नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने नगर निगम के सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं. करीब दो साल पहले अफसरों ने पॉलिथीन के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया था लेकिन अफसर ढीले पड़े तो हालात फिर पहले जैसे हो गए.
कारोबारियों ने फिर पॉलिथीन का अपना धंधा फैला लिया. हालात ये हैं कि अब जिले में पॉलिथीन का प्रतिदिन करीब 12 करोड़ रुपये का थोक एवं फुटकर कारोबार हो रहा है. पैकिंग मैटीरियल के नाम से इसकी फैक्ट्रियां संचालित हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 15 जुलाई रविवार से प्रदेश में पॉलिथीन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे. 50 माइक्रॉन से पतली पॉलिथीन पर रोक लगाई जाएगी, इसके लिए अफसरों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. इसके बाद नगर निगम ने तैयारी कर ली है.
रविवार को अवकाश का दिन होने के बावजूद भी कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर नगर आयुक्त ने चीफ इंजीनियर, एई, जेई समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
शहर में कई फैक्ट्रियां बना रही हैं पॉलिथीन
पॉलिथीन के थोक एवं खुदरा कारोबार की शहर में लगभग 300 दुकानें हैं. यह दुकानें श्यामगंज, आलमगीरीगंज, कुतुबखाना, बड़ा बाजार और सुभाषनगर इलाके में हैं.
इसके अलावा सीबीगंज और पुराना शहर में पैकिंग मैटीरियल के नाम से पॉलिथीन बनाने की कई फैक्ट्रियां चल रही हैं. इनमें 50 माइक्रॉन से कम का मैटीरियल बनाया जा रहा है.
हर बार छोटे कारोबारियों पर सख्ती
उमेश गौतम जब मेयर बने तो उन्होंने भी पॉलिथीन बंद कराने के लिए अभियान शुरू किया था. नगर निगम में पॉलिथीन पर प्रतिबंध के पोस्टर भी लग गए लेकिन इस आदेश को अमल में नहीं लाया जा सका.
हालांकि उस वक्त नगर निगम की टीम ने एलन क्लब सब्जी मंडी में छोटे दुकानदारों के यहां छापेमारी कर इसकी रस्म अदायगी जरूर की थी, लेकिन बड़े कारोबारियों पर आज तक कार्रवाई नहीं हो सकी.