शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी की रैली से ठीक एक दिन पहले अस्थायी कर्मचारियों की तालाबंदी खत्म कराने की जी तोड़ कोशिश हुई.
डीएम से फटाफट मामला निपटाने का आदेश मिलने के बाद एडीएम सिटी ने कॉलेज प्रशासन, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, एसीएम और हड़ताली कर्मचारियों को बुला लिया.
एडीएम सिटी ने कर्मचारियों की छंटनी के निर्णय पर सवाल खड़ा किया और कर्मचारियों को न्याय का भरोसा दिया. कर्मचारियों ने कहा कि बस लिखित में दे दीजिए हड़ताल खत्म कर देंगे.
इसपर मामला फंस गया. कर्मचारी वापस कॉलेज लौट आए. बरेली कॉलेज मैनेजमेंट ने कॉलेज के 168 कर्मचारियों में से 122 की नियुक्ति कर दी और 46 को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
इस फैसले से भड़के कर्मचारियों ने सभी की बहाली की मांग करते हुए कॉलेज में ताला बंद कर दिया. इससे एडमिशन और पढ़ाई दोनों ठप्प हो गई थी. गुरुवार को भी एडीएम सिटी ने कॉलेज प्रशासन को तलब किया था.
प्राचार्य सहित कॉलेज के तमाम अफसर एडीएम सिटी से मिले थे पर कॉलेज प्रशासन कोई दस्तावेज नहीं दे पाया. शुक्रवार शाम एडीएम सिटी ने ओपी वर्मा ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा, चीफ प्राक्टर डॉ. वंदना शर्मा, कार्यालय अधीक्षक पंकज अग्रवाल और कर्मचारी नेता जितेंद्र मिश्र को बुलाया.
एडीएम सिटी ने एडीएम ई, सिटी मजिस्ट्रेट और एसीएम के सामने कॉलेज और कर्मचारियों दोनों पक्षों को सुनने के बाद एडीएम सिटी कॉलेज प्रशासन से कर्मचारियों को नौकरी पर रखने के लिए कहा.
यही नहीं एडीएम सिटी ने मैनेजमेंट को लेकर नाराजगी जताई. छंटनी के फैसले पर भी सवाल उठाए. प्राचार्य से कहा कि कोई फैसला लेने से पहले पिछले वर्षों में हुए हंगामे को ध्यान में क्यों नहीं रखा गया.
एडीएम सिटी ने निकाला फार्मूला, डीएम लगाएंगे मुहर: कर्मचारियों ने एडीएम सिटी से कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी यहां पर निकाल दी और अब उनको निकाला जा रहा है.
कॉलेज मैनेजमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले सिक्योरिटी और साइकिल स्टैंड अस्थायी कर्मचारी संभालते थे. बाद में इसे ठेके पर दे दिया गया. एक सिक्योरिटी गार्ड पर कॉलेज 12000 रुपये देता है और कर्मचारियों को छह हजार रुपये देने में कॉलेज की सांस फूल रही है.
कर्मचारियों ने कॉलेज प्रशासन पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया. कहा कि जब यह काम अस्थायी कर्मचारी करते थे तो अब क्यों नहीं कर सकते. बैठक में एडीएम सिटी ने कहा कि कॉलेज के यह कर्मचारी नहीं निकाले जाएंगे.
जो काम ठेके देकर कराए जा रहे हैं उन कार्यों में कर्मचारियों को लगाया जाए. एडीएम सिटी ने तालाबंदी खत्म करने को कहा तो कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कॉलेज प्रशासन लिखित में दे तो ताला अभी खोल देंगे.
पहुंची पुलिस तो सहमे कर्मचारी: मोदी की रैली को लेकर प्रशासन हर हाल में कॉलेज में तालाबंदी खत्म कराना चाहता है. वहीं कर्मचारी किसी हाल में लिखित आश्वासन मिले बिना ताला खोलने को राजी नहीं है.
एडमिशन पढ़ाई पर संकट से माहौल गरमा गया है. ऐसे में पुलिस बल प्रयोग भी कर सकती है. शुक्रवार रात को कैंपस में पुलिस तैनात कर दी गई है. वहीं कर्मचारियों ने भी साफ कह दिया कि लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही ताला खुलेगा.