बरेली में सपा और बसपा के महागठबंधन से कोई बड़ा नेता चुनाव नहीं लड़ना चाह रहा है.
इसका एक मात्र कारण बरेली का जातीय और सामाजिक समीकरण है. बरेली में लगभग 58 % आबादी हिन्दुओं की है और 38% मुसलमानो की है.
2014 की मोदी लहर चुनाव में संतोष जी को लगभग 50% वोट मिले थे. सप (27%), बसपा (10%) और कांग्रेस (9%) को मिला कर लगभग 45% वोट मिले थे.
अगर मान लीजिये 2019 में सपा और बसपा का वोट मिला दें तब भी 37% ही बनता है. जो की संतोष जी को हारने के लिए काफी नहीं है.
लकिन इस बार वीरपाल सिंह जो अब सपा से अलग हो चुके हैं गठबंधन का वोट जरूर काटेंगे।
अगर संतोष जी का वोट 10% भी काम होता है तब भी उनको हराना मुश्किल होगा।
तलवार सिर्फ कांग्रेस के प्रवीण सिंह ऐरन पर लटक रही होगी। अगर उनको वीरपाल सिंह और शिवपाल यादव की पार्टी का समर्थन मिलता है तो उनका वोट 20% के आस पास पहुँच सकता है. लकिन वह तब भी संतोष जी की बराबरी नहीं कर पायेगा।
इस प्रकार प्रवीण सिंह ऐरन और वीरपाल सिंह मिलकर संतोष जी की जीत सुनिश्चित कर सकता हैं. लकिन क्या पता जिस प्रकार सुप्रिया ऐरन मेयर का चुनाव नहीं लड़ीं वैसे भी ये न लड़ें।
२०१४ का वोट परसेंटेज
Party | Candidate | Votes | % | ± |
---|---|---|---|---|
BJP | Santosh Kumar Gangwar | 5,18,258 | 50.90 | +20.91 |
SP | Ayesha Islam | 2,77,573 | 27.26 | +16.84 |
BSP | Umesh Gautam | 1,06,049 | 10.42 | -15.37 |
INC | Praveen Singh Aron | 84,213 | 8.27 | -23.04 |
CPI | Massarat Warsi | 7,639 | 0.75 | +0.75 |
NOTA | None of the Above | 6,737 | 0.66 | +0.66 |
Margin of victory | 2,40,685 | 23.64 | +22.32 | |
Turnout | 10,17,891 | 61.17 | +10.81 | |
BJP gain from INC | Swing | +19.59 |