बरेली के नवनिर्वाचित मेयर डॉ उमेश गौतम भी अब CM योगी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. इन्होंने मेयर बनने के बाद अपने आवास को गंगाजल से धुलवाने को कहा था. वहीं, अब नगर निगम परिसर को भगवा रंग में रंगा जा रहा है. 12 दिसंबर को होने वाले शपथ ग्रहण कार्यक्रम से पहले रंगाई पुताई का काम पूरा किया जाएगा.
पहली बार भगवा रंग में रंगा जा रहा निगम परिसर
-नगर पालिका के बाद वर्ष 1982 में इसे महानगर पालिका का दर्जा मिला था। उसके बाद वर्ष 1989 में नगर निगम बना. भाजपा के राजकुमार अग्रवाल सभासदों के बहुमत से पहले नगर प्रमुख बने.
-उनके बाद वर्ष 1995 में भी भाजपा के कुंवर सुभाष पटेल के जनता ने महापौर चुनकर नगर निगम भेजा। दोनों बार भाजपा की सरकार होने के बावजूद निगम की बिल्डिंग पर भगवा रंग नहीं चढ़ा.
कार्यालय में लगेगी सीएम-पीएम की तस्वीर
-मेयर कार्यालय को भगवा रंग में रगने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें लगाई जाएंगी. इसके लिए कार्यालय के सामने की दीवार पर जगह छोड़ दी गई है. इसके अलावा मेयर का नेमप्लेट भी भगवा रंग के हिन्दी अक्षरों में बनवाने का ऑर्डर दिया गया है.
चंडीगढ़ की कुर्सियों पर बैठेंगे पार्षद
-नगर निगम के नए बोर्ड के पार्षदों के बैठने के लिए चंडीगढ़ से कुर्सियां मंगाई गई हैं. शपथ ग्रहण से पूर्व निगम को आकर्षक बनाने की तैयारी की जा रही है। पुरानी कुर्सियों की मरम्मत कराकर निगम के अन्य ऑफिसों में शिफ्ट किया जाएगा.
ब्रजघाट से मंगाया गया गंगाजल
-मेयर आवास को धुलवाने के लिए ब्रजघाट से गंगाजल मंगाया गया. मेयर आवास की साफ सफाई का काम करीब-करीब पूरा हो चुका है. शपथ ग्रहण के बाद हवन पूजन के साथ मेयर आवास में ग्रह प्रवेश करेंगे.
सीएम ऑफिस भी भगवा रंग में रंगा
-सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिस को भगवा कलर में रंगा गया है. बाहरी दिवारों पर पूरी तरह केसरिया रंग कर दिया गया है. इस पर विपक्ष ने बीजेपी पर रंगों की सियासत करने का आरोप लगाया था.
-इसके जवाब में डिप्टी सीएम ने कहा है कि भगवा रंग पर वो लोग सवाल उठा रहे हैं, जिन्होंने इस शहर को नीले और हरे रंग में रंग दिया था.